
हिमाचल प्रदेश में 250 से अधिक आबादी की 1,297 बस्तियां अभी सड़क की सुविधा से वंचित हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के चौथे चरण के लिए राज्य लोक निर्माण विभाग के सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है। चौथे चरण में इन बस्तियों को सड़कों से जोड़ने की योजना तैयार की गई है। 163 बस्तियां ऐसी हैं, जो सड़कों से जुड़ी हैं, मगर वह खराब मौसम में बंद हो जाती हैं। इन्हें भी चौथे चरण में पक्का करने के लिए सर्वेक्षण में शामिल किया गया है। यानी कुल 1,460 बस्तियों की मैपिंग की गई है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के इस चौथे चरण के लिए 90 फीसदी फंडिंग होनी है। ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2001 की जनगणना को आधार बनाकर 500 और इससे अधिक आबादियों को कवर करने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का पहला चरण लाया था। इस योजना के तहत सड़कें बनाने के लिए विशेष श्रेणी राज्यों में हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड के अलावा पूर्वोत्तर के प्रदेशों के 88 पिछड़े जिलों के लिए 250 की आबादी की शर्त रखी थी।
अब 2011 की जनगणना को आधार बनाकर मैदानी क्षेत्रों में 500, पहाड़ी राज्यों, केंद्रशासित व पूर्वोत्तर प्रदेशों में 250 की आबादी को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से जो रहा है। इन सड़कों के लिए सरकार से 90 फीसदी अ मदद मिलेगी, जबकि राज्य स को अपने हिस्से का 10 फा खर्च करना होगा। सर्वेक्षण के लिए मंत्रालय की पीएमजीएसवाई ग्राम सड़क सर्वेक्ष तैयार की गई है। इसके बाद गतिशक्ति पोर्टल की मदद लेक बस्तियों को कवर करने के लिए डीपीआर बनाने में मदद ली जाएगी।
पहले चरण की 843 किलोमीटर सड़कें भी होंगी पक्की
राज्य लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता नरेंद्र पाल सिंह ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण में इन इलाकों को सड़कों से जोड़ने के लिए यह मैपिंग की गई है। जहां-जहां भी जमीन उपलब्ध होगी, वहां-वहां ही सड़कें बनाना संभव होंगी। चौथे चरण में स्टेज वन में बनी 843 किलोमीटर सड़कें भी पक्की की जा सकेंगी।