
एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के जनरल सर्जरी एलाइड विषय के पेपर में आर्थोपेडिक्स सेक्शन के सवाल न पूछे जाने पर पेपर सेट करने वाली एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। आर्थोपेडिक्स सेक्शन के सवाल न होने के चलते अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय नेरचौक को आर्थोपेडिक्स सेक्शन का 45 नंबर का पेपर अलग से करवाना पड़ा था। बीते आठ और नौ फरवरी को जनरल सर्जरी एलाइड विषय के पार्ट एक और दो का पेपर हुआ। पार्ट दो के पेपर में जनरल सर्जरी विषय के ही सवाल पूछे गए जबकि आर्थोपेडिक्स का सेक्शन पूरी तरह से गायब कर दिया।
प्रदेश भर के सभी मेडिकल कॉलेजों में 680 के करीब एमबीबीएस के प्रशिक्षुओं ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया था। नौ फरवरी को जनरल सर्जरी एलाइड के पार्ट दो के पेपर के बाद परीक्षार्थियों ने शिकायत मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रबंधन को सौंपी थी। शिकायत मिलने पर विश्वविद्यालय के डीन फैकल्टी एवं मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के प्राचार्य डॉ रमेश भारती ने यह विषय प्रबंधन के समक्ष रखा। इसके बाद विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई।
चर्चा के बाद आर्थोपेडिक्स सेक्शन का पेपर दोबारा 18 फरवरी को आयोजित करवाया गया। इस बीच विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पेपर सेट करने वाली एजेंसी से इस विषय पर पत्राचार किया। एजेंसी से संतोषजनक जवाब न मिलने पर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
दरअसल नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की ओर से परीक्षा पत्र को लेकर स्पष्ट गाइडलाइन है। ऐसे में इस कोताही के एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले सैकड़ों प्रशिक्षुओं को दोबारा परीक्षा देनी पड़ी। हालांकि विश्वविद्यालय के त्वरित एक्शन के चलते एनएमसी की गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित हो गया है अगर देरी होती तो दिक्कतें बढ़ सकती थी।
जनरल सर्जरी एलाइड के पार्ट दो में आर्थोपेडिक्स सेक्शन के सवाल नहीं पूछे गए थे। मामला संज्ञान में आने के बाद 45 नंबर की परीक्षा दोबारा करवाई गई। पेपर सेट करने वाली एजेंसी से अब विश्वविद्यालय पेपर सेट नहीं करवाएगा। नियमों के तहत एजेंसी ब्लैकलिस्ट माना जाए