समय से पहले गोबिंद सागर झील का घटा जलस्तर, वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां बंद

Himachal Pradesh Water level of Gobind Sagar lake bilaspur decreases prematurely water sports activities close

गोबिंद सागर झील के जलस्तर में तेजी से गिरावट आने के कारण यहां हाल ही में शुरू की गईं वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां बंद करनी पड़ी हैं। जलस्तर कम होने और दलदल बढ़ने से इस बार राज्य स्तरीय रिवर राफ्टिंग प्रतियोगिता भी रद्द करनी पड़ी। झील में वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां शुरू होने से जहां लोगों को उम्मीद जगी थी कि यहां पर पर्यटक रुकेंगे और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वहीं झील में कारोबार करने वाले व्यवसायियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

बीते दिनों वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के चलते सुर्खियों में रही गोबिंद सागर झील अब सुनसान हो गई है। यहां न ही वाटर स्पोर्ट्स से संबंधित कोई गतिविधि हो रही है और न ही पर्यटक बिलासपुर में रुक रहा है। पर्यटकों को आकर्षित करने वाली गोबिंद सागर झील इस बार तय समय से पहले ही सूखने लगी है। गोबिंद सागर झील बिलासपुर में 9 मार्च को प्रदेश स्तरीय रिवर राफ्टिंग प्रतियोगिता प्रस्तावित थी। इसमें प्रदेश भी की आठ टीमों ने भाग लेना था। लेकिन अब एसोसिएशन इस प्रतियोगिता के लिए दूसरा स्थान तलाश कर रही है। झील के जलस्तर में गिरावट से न सिर्फ वाटर स्पोर्ट्स बंद हो गए, बल्कि जिले में पर्यटन बढ़ाने की संभावनाओं पर भी पानी फिर गया है।

क्रूज, शिकारे और जेटी की राइड भी ठप
प्रशासन ने पहले यहां वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए पैरासेलिंग, स्पीड बोटिंग और अन्य गतिविधियां शुरू की थीं, लेकिन पानी कम होते ही यह सभी बंद करनी पड़ीं। पैरासेलिंग बोट के मालिकों को अपने उपकरण वापस ले जाने पड़े, जबकि क्रूज, शिकारे और जेटी की राइड भी पूरी तरह ठप हो गई हैं।

बैराज बन जाता तो सालभर होतीं वाटर स्पोर्ट्स
झील में जलस्तर बनाए रखने के लिए कई वर्ष से बैराज निर्माण की योजना लंबित है। पूर्व की भाजपा सरकार ने ऐतिहासिक मंदिरों को लिफ्ट करने की 1500 करोड़ की परियोजना में मंडी भराड़ी पुल से लुहणू तक बैराज बनाने की भी योजना रखी थी। लेकिन प्रदेश में सरकार बदली और सब कागजों तक ही सीमित रह गया। यदि यह बैराज समय पर बन जाता, तो यहां सालभर वाटर स्पोर्ट्स और अन्य पर्यटन गतिविधियां सुचारू रूप से चलतीं। स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि यदि बैराज का निर्माण जल्द नहीं हुआ, तो आने वाले समय में झील और तेजी से सूखेगी। यहां पर वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां सालभर की बजाय दो से तीन माह ही चल पाएंगी। झील का जलस्तर कम होने से शिकारा और बोट ऑपरेटरों के अलावा कई छोटे व्यवसायी भी इससे प्रभावित हुए हैं।

झील में पानी का स्तर कम होने के कारण वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां बंद हो गई हैं। इससे कंपनी को हर माह करीब 10 लाख का नुकसान उठाना पड़ रहा है। झील में पानी भरने के बाद ही इन्हें फिर से शुरू किया जाएगा

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