102 किमी की दौड़ को 15 घंटे 31 मिनट में पूरा कर लद्दाख के नवांग ने जीता स्वर्ण, दिया ये संदेश

Nawang Ladakh won gold 102 km race in 15 hours 31 minutes 5th Silk Route Ultra Trail Run in Narkanda

नारकंडा में 5 वीं सिल्क रूट अल्ट्रा ट्रेल रन को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शनिवार देर शाम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रविवार सुबह 6:18 बजे सराहन में इस प्रतियोगिता का समापन हुआ। इसमें 102 किलोमीटर की दौड़ में छह धावकों ने भाग लिया। लद्दाख के नवांग 15 घंटे 31 मिनट दौड़ पूरी कर प्रथम रहे और स्वर्ण पदक हासिल किया। पिछले साल 19 घंटे में प्रतिभागी ने लक्ष्य हासिल कर स्वर्ण पदक जीता था। पहली बार इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे धावक नवांग ने कहा कि वह इस दौड़ को जल्द खत्म करना चाहता था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण संभव नहीं हो सका।

इस प्रतियोगिता का नशामुक्त हिमाचल अभियान के तहत हिमालयन एक्पीडिशन ने आयोजन किया। इस ट्रेल रन में 250 प्रतिभागियों ने भाग लेकर नशे को छोड़ने का संदेश दिया। इस प्रतियोगिता में तीन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी शामिल हैं। यह दौड़ नारकंडा से सराहन तक की 102 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पगडंडी पर आयोजित की गई। रूट अल्ट्रा ट्रेल रन में 13 किमी, 30 किमी और 55 किमी श्रेणियों में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 13 किमी दौड़ में अंडर-18 बालक वर्ग में स्वर्ण पदक दिव्यांश जगटा, रजत पदक कर्ण तेनजिन और कांस्य पदक शुभम ठाकुर ने हासिल किया।

अंडर-18 बालिका वर्ग में स्वर्ण पदक सोनिया चौहान, रजत पदक स्टेजिन नंगसल और कांस्य पदक पल्लवी ने हासिल किया। पुरुष वर्ग में स्वर्ण पदक डेविड कुमार, रजत पदक अतुल चौहान और कांस्य पदक रिगजिन दोरजे ने हासिल किया। वहीं, महिला वर्ग में स्वर्ण पदक नंदिता बायन, रजत पदक में राखी शर्मा और कांस्य पदक रिया ने प्राप्त किया। पुरुष वर्ग की 30 किमी दौड़ में स्वर्ण पदक देवेंद्र कुमार, रजत पदक कृष्णा राज और कांस्य पदक योगेंद्र ने हासिल किया। महिला वर्ग में स्वर्ण पदक नताशा मेहर, रजत पदक देबास्मिता ने हासिल किया। पुरुष वर्ग की 55 किमी दौड़ में स्वर्ण पदक स्टेंजिंग वांगचुक, रजत पदक अंकुर कुमार और कांस्य पदक देशराज ने प्राप्त किया, जबकि महिला वर्ग में स्वर्ण पदक तेनजिन डोलमा और रजत पदक नामग्याल ल्हामो ने हासिल किया।

नशामुक्त हिमाचल के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी : राज्यपाल
इस दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि ‘सिल्क रूट अल्ट्रा ट्रेल रन’ एक खेल प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह हिमाचल की संस्कृति, प्रकृति और परंपराओं को प्रदर्शित करने का एक अद्भुत अवसर है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से स्थानीय युवाओं को रोजगार और आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर मिलते हैं। साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण और नशे के खिलाफ जागरुकता बढ़ाने में मदद करता है।

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