
हिमाचल प्रदेश में सड़क की टारिंग की गुणवत्ता नहीं हुई तो ठेकेदार ब्लैकलिस्ट होंगे। प्रदेश सरकार ने इसको लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। यही नहीं टारिंग के दौरान कनिष्ठ और अधिशासी अभियंता को सड़क की टारिंग के दौरान मौके पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। कार्य में गुणवत्ता सही न होने पर इंजीनियरों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। इन दिनों सड़कों की टारिंग का काम चल रहा है। प्रदेश सरकार ने इस वर्ष 2,000 किलोमीटर टारिंग का लक्ष्य निर्धारित किया है। बीते साल भी सरकार ने 85 ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
इस साल अगस्त तक सड़कों की टारिंग और क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक किया जाना है। इसके साथ ब्लैक स्पॉट और बारिश के पानी की निकासी के लिए बनाई नालियों को भी दुरुस्त किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग को सड़कों के टारिंग के टेंडर जारी कर दिए हैं। हिमाचल में 20 मार्च से टारिंग का काम शुरू कर दिए हैं। जूनियर इंजीनियर और अधिशासी अभियंता टारिंग के समय फील्ड में रहेंगे।
विभाग ने कुल्लू, बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना, सोलन, शिमला, चंबा जिले में सड़कों की मरम्मत और टारिंग में प्राथमिकता दी है। हिमाचल में मौसम साफ हो गया है। उल्लेखनीय है कि जिलों के शहरों का अधिकतम तापमान 25 डिग्री से ऊपर चल रहा है। यह तापमान टारिंग के लिए उपयुक्त है।
2,000 किलोमीटर सड़कों की टारिंग की जानी है। सड़कों के कार्यों में कोताही बर्दाश्त नहीं होगा। इसके लिए अधिकारियों की भी जवाबदेही तय की गई है। ठेकेदारों को भी निर्धारित पैमाने पर टारिंग करनी होगी। टारिंग की चेकिंग की जा रही है। गड़बड़ी पाई जाने पर बक्शा नहीं जाएगा