तिरंगे में लिपटी बलिदानी नवीन कुमार की पार्थिव दे .ह पैतृक गांव पहुंचते ही मां, दादा-दादी और बहन बेसुध

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As soon as martyr Naveen Kumar's body wrapped in tricolour reached his native village, his mother, grandparent

कारगिल के द्रास सेक्टर में भूस्खलन की चपेट में आने से बलिदान हुए थुरल पंचायत के हलू गांव के नवीन कुमार का अंतिम संस्कार न्यूगल खड्ड के तट पर सैनिक सम्मान के साथ किया गया। इससे पहले बलिदानी की पार्थिव देह शुक्रवार सुबह पैतृक गांव पहुंचते ही हर तरफ चीख-पुकार मच गई। तिरंगे में लिपटी लाडले की पार्थिव देह को देख माता, दादा-दादी व बहन सभी बेसुध हो गए। इस दाैरान बलिदानी को श्रद्धांजलि व अंतिम विदाई देने  पहुंचे लोगों की आंखें भी नम हो गईं। पूरा क्षेत्र नवीन कुमार अमर रहे, भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा। 

चचेरे भाई अंशु ने बलिदानी की चिता को मुखाग्नि दी। इस मौके पर भारतीय सेना की 13 जैक राइफल्स की ओर से सूबेदार धर्मचंद, सूबेदार माहित कुमार, नायब सूबेदार सुनील गुलेरिया, तहसीलदार थुरल राजेश सडयाल, डीएसपी लोकेंद्र नेगी, एसएचओ गुरदेव सिंह और स्थानीय विधायक विपिन सिंह परमार समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे। युवाओं ने नवीन कुमार और भारत माता के नारे लगाए।

नवीन कुमार की माता और बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। बलिदान की सूचना मिलने के बाद बहन भी घर पहुंच चुकी है। माता और बहन ने अन्न का एक भी दाना ग्रहण नहीं किया। बता दें, कारगिल से बलिदानी की पार्थिव देह गुरुवार देर शाम पालमपुर पहुंची थी। शाम होने के चलते पार्थिव देह को बलिदानी के पैतृक गांव में नहीं पहुंचाया जा सका। शुक्रवार सुबह बलिदानी की पार्थिव देह को पैतृक गांव में पहुंचाया गया। गुरुवार को भी  जवान के घर परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए लोग पहुंचते रहे। बाजार कमेटी थुरल ने दोपहर 1 बजे तक बाजार बंद रखने का निर्णय लिया है

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