प्रदेश में निर्माणाधीन फोरलेन के आसपास का 100 मीटर का क्षेत्र ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग के दायरे में आ चुका है। बीते माह इसकी अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। निदेशालय ने सभी जिलों के ग्राम एवं नगर नियोजन अधिकारियों को फोरलेन में आने वाले राजस्व गांवों की सूची तैयार करने और इन राजस्व गांवों को टीसीपी के अंतर्गत अधिसूचित करने के निर्देश दिए हैं।
इसे नए राजस्व गांवों में अनियोजित निर्माण पर अंकुश लग सकेगा। फोरलेन के आसपास के 100 मीटर के क्षेत्र को टीसीपी में लाने का मकसद राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे अंधाधुंध अवैध निर्माण पर रोकना है। राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे अतिक्रमण के कारण सड़क दुर्घटनाएं, ट्रैफिक जाम और अन्य प्रकार की दिक्कतें आए दिन लोगों को झेलनी पड़ रही हैं।
इसको देखते हुए फोरलेन के अंतर्गत 100 मीटर दायरे को टीसीपी में शामिल करने का फैसला लिया गया है। अब इन अधिसूचित गांवों में भवन निर्माण, भूमि के क्रय-विक्रय से पहले टीसीपी से एनओसी लेना जरूरी रहेगा। इससे सुनियोजित तरीके से भवनों का निर्माण हो सकेगा। टीसीपी निदेशालय के अधिकारी केसी नांटा ने कहा कि फोरलेन के आसपास के 100 मीटर के क्षेत्र को टीसीपी में शामिल करने की अधिसूचना जारी हो चुकी है। किस जिले में कितने गांवों इसमें शामिल होंगे, इसके लिए जिलों के टीसीपी अधिकारियों को गांवों चिह्नित करने के लिए अधिकृत किया है।