आइजीएमसी के आई विभाग के HOD डॉक्टर राम लाल शर्मा ने बताया सर्दियों में चलने वाली ठंडी हवाएं आंखों को नुकसान पहुंचाती है|
शिमलाः- सर्दियों में लोगों को बहुत ज्यादा ड्राई स्पेल की समस्या हो रही है. आइजीएमसी में भी इसके मामले देखने को मिल रहे हैं. अस्पताल में रोजाना 10 से 15 मरीज ड्राई स्पेल के आ रहे हैं. आंखों में ड्राइनेस एक सामान्य समस्या है, लेकिन कई बार ये किसी व्यक्ति की क्वालिटी ऑफ लाइफ पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकती हैं. मौसम का असर सबसे ज्यादा आंखों पर ही पड़ता है. मौसम और हीटिंग, ठंडी और तेज हवाएं सीधे चेहरे पर लगती हैं और इसकी वजह से आंखें ड्राई हो जाती हैं.
सर्दियों में हीटिंग की वजह से भी ड्राइनेस की समस्या हो जाती है. ठंड में लोग पानी कम पीते हैं और पानी कम पीने की वजह से शरीर को पर्याप्त मात्रा में हाइड्रेशन नहीं मिल पाता है. इसकी वजह से आंखों में ड्राइनेस की समस्या हो सकती है. आंखों की ड्राइनेस को खत्म करने के लिए समय पर पानी पीना चाहिए. आंखों में ड्राइनेस की समस्या होने पर कई बार लोगों को खुजली और जलन महसूस होती है. ऐसे में हमें आखों को ठंडे पानी से धोना चाहिए.
चश्मा लगाकर घर से निकलें
आइजीएमसी के आई विभाग के HOD डॉक्टर राम लाल शर्मा ने बताया सर्दियों में चलने वाली ठंडी हवाएं आंखों को नुकसान पहुंचाती हैं. सर्द हवाओं के साथ धूल के कण और जहरीली धुंध आंखों में जाता है. इसकी वजह से आंखों में ड्राइनेस की समस्या हो सकती है. ऐसे में घर से बाहर निकलते वक्त आंखों पर चश्मा जरूर लगाएं.
आंखों में सूखापन का कारण
1.ज्यादा देर तक लैपटॉप या मोबाइल का इस्तेमाल करना
2.एयरकंडीशन में ज्यादा देर तक बैठना
3.प्रदूषण के कारण, विटामिन-ए की कमी
4.हीटिंग का ज्यादा इस्तेमाल करना
5.सर्द हवाओं के साथ धूल के कण और जहरीली धुंध आँखों में जाना.
डॉक्टर राम लाल शर्मा ने बताया कि लोगों की आंखों में काफी ज्यादा ड्राई स्पेल की समस्या देखने को मिल रही है. आईजीएमसी की ओपीडी में रोजाना 10 से 15 मरीज ड्राई स्पेल के ही आ रहे हैं, जिसकी बड़ी वजहों में मौसम, हीटिंग और फोन का ज्यादा इस्तेमाल करना है. इसका सीधा असर लोगों की आखों पर पड़ रहा है.