शुक्रवार को विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान शिलान्यास पट्टिकाएं लगाने व हटाने के मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में खूब नोकझोंक हुई।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में अब पूर्व विधायकों के शिलान्यास व उद्घाटन पट्टिकाओं पर नाम नहीं लिखे जाएंगे। पुरानी परंपरा को समाप्त कर सिर्फ चुने हुए प्रतिनिधियों और सरकारी दायित्व संभाल रहे नेताओं के ही नाम लिखे जाएंगे। इस बारे में अधिसूचना जारी कर अफसरों को आगाह किया जाएगा। अगर कोई अफसर नई परंपरा को शुरू करेगा तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी|
शुक्रवार को विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान शिलान्यास पट्टिकाएं लगाने व हटाने के मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में खूब नोकझोंक हुई। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओकओवर में संवाद कक्षा व लिफ्ट के उद्घाटन को लेकर लगाई मेरी पटि्टका भी हटा दी गई है। पुरानी परंपरा को समाप्त करने की शुरुआत मुख्यमंत्री को अपने घर से करनी चाहिए। जवाब में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि मैंने तो आपके समय का स्टाफ भी नहीं हटाया है। संवाद कक्ष और लिफ्ट की पट्टिका के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। अगर उसे हटाया होगा तो फिर से लगा दिया जाएगा।
विधायक पूर्ण चंद ने उठाया मामला
भाजपा विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने सवाल उठाते हुए कहा कि द्रंग विधानसभा क्षेत्र में चुनाव हारे हुए नेताओं के नाम उद्घाटन और शिलान्यास पट्टिकाओं पर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि ऐसा किन नियमों के तहत और किसके आदेश पर किया गया है। विधायक राकेश जम्बाल ने कहा कि ऐसे मामले सुंदरनगर में भी सामने आए हैं। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्हें बगस्याड़ स्कूल के वार्षिक समारोह में बतौर मुख्यातिथि बुलाया गया था।
इस कार्यक्रम के तीन दिन बाद ही उस स्कूल से सारे शिक्षकों के तबादले कर दिए गए थे। यह गलत परंपरा शुरू हुई है। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पूर्व विधायक के नाम ऐसी पट्टिकाओं पर लगेंगे तो इससे गलत परंपरा शुरू हो जाएगी और इसे रोकना होगा। भविष्य में ऐसा नहीं होगा और जहां-जहां ऐसा हुआ है, उनका पता किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से मानदेय और वेतन लेने वाले जनप्रतिनिधि की पट्टिका लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पट्टिका नहीं हटाती, बल्कि वह तो लोगों के दिलों में पट्टिका लगाने में विश्वास रखती है।
सभी डिविजनों में हफ्ते में पहुंच जाएंगे बिजली के मीटर : सुक्खू
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के सभी डिविजनों में एक सप्ताह में बिजली के मीटर पहुंच जाएंगे। बिजली बोर्ड में स्टाफ की कमी दूर करने को आउटसोर्स और मल्टीपर्पज वर्करों की भर्ती का आश्वासन भी मुख्यमंत्री ने दिया। प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक राजेंद्र राणा सहित अन्य विधायकों की पीड़ा का इलाज करने के लिए ही हम सरकार में आए हैं। सेंट्रल स्टोर में मीटरों की सप्लाई पहुंच गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 के बाद राज्य में बिजली के मीटर 29 लाख हो चुके हैं, जबकि परिवार रजिस्टर के अनुसार राज्य में 20 लाख परिवार हैं। इसमें सुधार की आवश्यकता है। स्टाफ की कमी को दूर किया जाएगा। बोर्ड में विभिन्न श्रेणियों के 6000 पदों को भरा जा रहा है।
कठिन भौगोलिक परिस्थिति वाले स्थानों में ट्रांसफार्मर प्राथमिकता पर उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 3701 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट हिमाचल को स्वीकृत किया था। इसके तहत स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसकी टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इससे पूर्व कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि बिजली के खंभों, सर्विस वायर और मीटरों की कमी राज्यभर में है। उन्होंने बोर्ड में स्टाफ की कमी को भी दूर करने की मांग की। विधायक विनोद कुमार ने कहा कि उनके क्षेत्र में नए कनेक्शन लेने के लिए न खंभे हैं और मीटर है और न ही सर्विस वायर है। सर्विस वायर के लिए भी उपभोक्ताओं को कहा जा रहा है। विधायक डॉ. जनक राज, डॉ. हंसराज और सुखराम चौधरी ने भी इस मामले को लेकर सवाल उठाए।
फसल को 33 फीसदी नुकसान होने पर मुआवजा : चंद्र
कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश में सूखे की स्थिति के कारण रबी की फसल को 15 फीसदी नुकसान पहुंचा है। दिसंबर के बाद केवल एक बार ही बारिश हुई है। और बारिश होती है तो यह फसलों के लिए लाभदायक होगी। फसलों को यदि 33 फीसदी नुकसान होता है तो सरकार किसानों को मुआवजा देगी। कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर के सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग एक-दो सप्ताह में फिर से सर्वे करेगा। उस आधार फिर राहत मैनुअल के मुताबिक नुकसान की भरपाई की जाएगी।
10,023 लोगों के घरों को मंजूर किया पैसा : अनिरुद्ध
ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत केंद्र सरकार ने हिमाचल को वर्ष 2023-24 में 10,023 आवास आवंटित किए हैं। इन सभी आवासों को 15 जनवरी तक पात्र लाभार्थियों को स्वीकृत कर दिया गया है। हर लाभार्थी को केंद्र सरकार की ओर से 1.30 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है। भाजपा विधायक सुखराम चौधरी के सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र द्वारा जारी इस राशि को विशेष राहत पैकेज की राशि में शामिल किया है। आपदा में अपने घर गंवा देने वाले लोगों को इस राशि को मिलाकर कुल सात लाख रुपये घर बनाने को दिए जा रहे हैं।
सवाल शिवपुराण का, मंत्री जी ने सुना दी रामायण : गांधी
सरकार के लिखित जवाब को लेकर भाजपा विधायक इंद्र सिंह गांधी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पैसा खर्च करने के बाद भी लाभ नहीं मिल रहा है। इस पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने ढांगू कूहल को लेकर विस्तार से जानकारी दी। इस पर विधायक ने व्यंग्य कसते हुए कहा कि मैंने शिवपुराण को लेकर सवाल पूछा और मंत्री जी ने रामायाण सुना दी। इस पर सदन में खूब ठहाके लगे।
तीन वर्षों में यौन शोषण के सात मामले आए सामने : रोहित
शिमला। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि गत तीन वर्षों में 15 जनवरी 2024 तक शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों के साथ यौन शोषण के सात मामले सामने आए हैं। एक शिक्षक को सरकारी सेवा से बर्खास्त किया गया था। कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद इस शिक्षक को दोबारा नियुक्त कर दिया गया है। भाजपा विधायक राकेश जम्वाल के सवाल का लिखित जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि एक शिक्षक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई गई। इस मामले में कोर्ट द्वारा शिक्षक को बरी करने के बाद शिक्षा निदेशालय ने भी शिक्षक के खिलाफ पूर्व में जारी आदेशों को निरस्त किया। एक अन्य शिक्षक के खिलाफ मामले की जांच को कमेटी गठित की गई है। शेष चार शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है।
सरकार की शर्तों पर लगेंगे बल्क ड्रग और मेडिकल डिवाइस पार्क
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बल्क ड्रग पार्क भी स्थापित होगा और मेडिकल डिवाइस पार्क भी बनेगा। दोनों परियोजनाएं सरकार की शर्तों पर लगेंगी। उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार पर हिमाचल प्रदेश में उद्योगों के लिए जमीनें बेचने का आरोप लगाया है। कहा कि पूर्व सरकार ने उद्योगों के लिए मुफ्त और एक रुपये लीज पर जमीनें दे दीं। सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार के समय राज्य में इनवेस्टमेंट ड्रेन हुआ है। जहां उद्योगों का विकास हिमाचल प्रदेश के हित में होना चाहिए था, वह नहीं हो सका है। विधानसभा में पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने यहां पर निवेश लाने के लिए उद्योगपतियों को एक रुपये लीज पर जमीन दी है। बिजली का रेट कम कर दिया है। पूर्व सरकार ने 600 बीघा जमीन एक रुपये के हिसाब से लीज पर दे दी गई थी। उनको अब आगे सब लीज किया जा रहा है। इस तरह का निवेश हिमाचल में लाने के लिए सरकार तैयार नहीं है, बल्कि हिमाचली हितों का पूरा ध्यान रखकर ही निवेश लाया जाएगा।
कांगड़ा में 280 करोड़ का बड़ा उद्योग
सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा में 280 करोड़ का एक बडा उद्योग लाया गया है, जिसमें सरकार को जीएसटी भी मिलेगा और उनको बिजली का रेट भी कम नहीं किया गया है। इस तरह के उद्योगों की हिमाचल प्रदेश को जरूरत है। हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में 22 फीसदी का जीएसटी सरकार को मिलता है। मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए केंद्र से केवल 70 करोड़ मिलेंगे – सीएम ने कहा कि मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए केंद्र से केवल 70 करोड़ रुपये मिलने हैं, जबकि करोड़ों की 1200 बीघा जमीन मुफ्त में दे दी। बिजली का रेट जो सात रुपये प्रति यूनिट है, वह उद्योगों को 3 रुपए प्रति यूनिट की दर से दी गई।
बल्क ड्रग पार्क के लिए स्ट्रैटजिक पार्टनर ढूंढ रहे- उद्योग मंत्री
हर्षवर्धन सिंह ने कहा कि पूर्व सरकार ने बल्क ड्रग पार्क व मेडिकल डिवाइस पार्क का सिर्फ फाउंडेशन किया, जिसके बाद पूरा काम वर्तमान सरकार कर रही है। बल्क ड्रग पार्क के लिए स्ट्रैटजिक पार्टनर ढूंढ रहे हैं, जो 900 करोड़ रुपये का निवेश लाएगा। इसमें कंसलटेंट हायर किया गया है। पीपीमोड पर इसे बनाया जाएगा। दोनों प्रोजेक्टों पर सरकार तेजी से काम कर रही है। सबूत देने चाहिएं कि आखिर कौन सी जमीन को बेचा गया- भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जमीनों को बेचने का आरोप पूर्व सरकार पर लगाया है। इसलिए मुख्यमंत्री को इसके सबूत देने चाहिए कि आखिर कौन सी जमीन को बेचा गया है।