# सचिव पद से हटाने पर बागी विधायक सुधीर का तंज|

हिमाचल कांग्रेस में बागी विधायकों के अगुवा सुधीर शर्मा ने अखिल भारतीय कांग्रेस से अपने निलंबन के पत्र को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए रहीम की ये लाइन पढ़ी। बुधवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पत्र जारी कर सुधीर शर्मा को कांग्रेस के सचिव पद से हटा दिया।

सोशल मीडिया पर सुधीर शर्मा ने अपने निलंबन पर जहां रहीम का दोहा लिखा, वहीं चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि भार मुक्त तो ऐसे किया, जैसे सारा बोझ मेरे ही कंधों पर था। बुधवार को ही बागियों के दूसरे नेता राजेंद्र राणा ने भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। घटनाक्रम बता रहा है कि अब एक-एक करके बागियों के कांग्रेस में वापसी के सारे दरवाजे बंद होते जा रहे हैं।

हालांकि पिछले कल खबर थी कि हाईकमान के निर्देश पर ही विक्रमादित्य दोबारा से बागियों से मिले हैं और उनकी बात सुनी है, लेकिन आज सुधीर के खिलाफ पार्टी ने कार्रवाई करके समझौते की अटकलों को फिलहाल विराम दे दिया है। वहीं दूसरी ओर बागी विधायकों ने भी पहले दिन से ही अपना रुख कड़ा रखा था, जिससे साफ था कि कांग्रेस छोड़ने के लिए मानसिक रूप से सभी बागी तैयार हैं।

हालांकि राजनीति में पहले से कुछ भी निश्चित नहीं होता, लेकिन जब भी इन बागियों ने बगावत का झंडा बुलंद करने का प्लान बनाया होगा, तभी यह तय था कि आने वाले समय में इन्हें कांग्रेस से किनारा भी करना पड़ सकता है। इस खतरे को भांपने के बावजूद भी जब 6 बागी अपनी बात पर डटे रहे तो लगा कि यदि कोर्ट से राहत नहीं मिली तो इन्हें चुनाव से गुरेज नहीं है। एक नेशनल चैनल को दिए इंटरव्यू में जब राणा से पूछा गया कि अदालत का दरवाजा खटखटाने में बागी देर क्यों कर रहे हैं तो उनका जवाब था कि उन्हें जनता की अदालत पर भरोसा है और उन्हें जनता की अदालत में जाने से कोई नहीं रोक सकता।

बुधवार शाम तक भी बागियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका बारे कोई जानकारी नहीं आई। इस याचिका पर ही हिमाचल की राजनीति का अगला एपिसोड पूरी तरह से निर्भर करेगा। यदि बागियों को कोर्ट से स्टे मिलता है तो इनका अगला कदम सरकार को अल्पमत में साबित करना होगा। वहीं यदि इन्हें कोर्ट से राहत नहीं मिलती तो जाहिर है चुनाव में उतरना पड़ेगा और ऐसी स्थिति में एक-दो नेताओं को छोड़कर सभी बागियों को दोबारा जीत कर आने के लिए कड़ा मुकाबला झेलना पड़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *