
लाहौल-स्पीति में ही ग्यू बूथ पर सबसे कम 2.99 फीसदी मतदान हुआ था। इसके अलावा किन्नौर के ‘का’ बूथ पर 106.25 फीसदी मतदान हुआ था।
कांगड़ा जिले के सबसे दुर्गम पोलिंग बूथ बड़ा भंगाल में 100 फीसदी मतदान हुआ था। चुनाव कर्मियों और मशीनों को हेलीकाॅप्टर के माध्यम से इस इस पोलिंग बूथ तक पहुंचाया गया था। अन्य जिलों में चंबा के धमग्राम पोलिंग बूथ पर 1.62, कांगड़ा जिला के धार दंजर में 3.87, मंडी जिले के खरसा-119 में 8.75, सोलन के वार्ड नंबर-03-ए पर 7.29 फीसदी मतदान हुआ था। अधिकतम मतदान में चंबा के कुंटेड़ी बूथ पर 95.15, गलुआ में 92.16, कुल्लू के जलोंरा बूथ पर 95.48, आनी दो बूथ पर 93, दोघारी पर 91.59, मनीहार बूथ पर 91.93 फीसदी मतदान हुआ था।
दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र लाहौल-स्पीति के टशीगंग बूथ पर 2019 लोकसभा चुनावों में सबसे अधिक 142 फीसदी मतदान हुआ था। लाहौल-स्पीति में ही ग्यू बूथ पर सबसे कम 2.99 फीसदी मतदान हुआ था। इसके अलावा किन्नौर के ‘का’ बूथ पर 106.25 फीसदी मतदान हुआ था। चुनावों में प्रदेश की मतदान औसत 72.42 फीसदी थी। यह राष्ट्रीय औसत 67 से 5 फीसदी अधिक थी। इस साल चुनाव आयोग ने हिमाचल में मतदान प्रतिशतता को 75 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। 100 फीसदी से अधिक मतदान उन पोलिंग बूथ पर हुआ जहां सभी मतदाताओं के अलावा मतदान कर्मियों ने भी मतदान किया।
2019 में इन 36 विधानसभा क्षेत्रों में कम हुआ था मतदान
शिमला जिला की चौपाल, ठियोग, कसुम्पटी, शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण, जुब्बल-कोटखाई और रामपुर, सिरमौर जिला के श्री रेणुकाजी और शिलाई, सोलन जिला की सोलन, बिलासपुर जिला के झंडूता, घुमारवीं और बिलासपुर, हमीरपुर के भोरंज, हमीरपुर, बड़सर और नदौन, मंडी के जोगिंद्रनगर, धर्मपुर और सरकाघाट, लाहौल-स्पिति, कांगड़ा के फतेहपुर, ज्वाली, देहरा, जसवां पुरागपुर, ज्वालामुखी, जयसिंहपुर, सुलह, शाहपुर, धर्मशाला, पालमपुर और बैजनाथ, चंबा के भरमौर, चंबा, डलहौजी और भटियात में मतदान प्रतिशत 72.42 से कम रहा। हालांकि कुल्लू और ऊना जिला के सभी विधानसभा क्षेत्रों का मतदान प्रतिशत 72.42 से अधिक था।