मंडी की बेटी तरूणा कमल ने संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा पास की है। तरूणा ने जिला के बल्ह घाटी के छोटे से गांव से निकलकर यह कीर्तिमान हासिल किया है। अपने पहले ही प्रयास में तरूणा ने इस परीक्षा को पास कर 203वां रैंक हासिल किया है। तरूणा के पिता नगर परिषद में सफाई ठेकेदार हैं, जबकि माता नोर्मा देवी गृहणी हैं। तरूणा की इस कामयाबी से न केवल मंडी जिला का मान बढ़ा है, बल्कि हिमाचल प्रदेश का नाम भी रोशन हुआ है। तरूणा पिछले अढाई साल से चंडीगढ़ में यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। बुधवार को तरूणा चंडीगढ़ से अपने घर रत्ती पहुंची।
घर पहुंचने पर तरूणा का परिजनों, रिश्तेदारों व स्थानीय लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया। 26 जून 1997 को जन्मी तरूणा कमल ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई मॉडर्न पब्लिक स्कूल रत्ती से की है। इसके बाद तरूणा ने वेटरनरी डॉक्टर की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद चंडीगढ़ में कोचिंग लेकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। तरूणा ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में भाग लिया और अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया। तरूणा ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी करते समय शुरू में मेडिकल की पढ़ाई बाधा भी बनी, लेकिन माता-पिता व परिजनों का परीक्षा की तैयारी में पूरा सहयोग रहा, जिस कारण वे आज इस मुकाम को हासिल कर पाई।
तरूणा ने बताया कि गांव की लड़कियां आगे बढऩे व बाहर निकलने से घबराती हैं। लड़कियों को अपना सपना पूरा करने के लिए एक पहल करना जरूरी है। अपनी वेटरनरी डॉक्टर की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने कुछ बड़ा करने की ठानी और तैयारी शुरू कर दी। अपनी इस कामयाबी पर तरूणा ने बताया कि बड़ी सफलता पाने के लिए परिश्रम ही एक मात्र माध्यम है। शॉर्टकट से बड़ी कामयाबी हासिल नहीं की जा सकती है।
वहीं इस मौके पर अपनी लाडली की कामयाबी से परिजन भी गदगद नजर आए। माता नोर्मा देवी व दादा हेम सिंह कमल ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थी और बड़ा अधिकारी बनना चाहती थी। उन्हें खुशी है कि उनकी बेटी ने इतना बड़ा मुकाम हासिल कर जिला व प्रदेश का नाम रोशन किया है।