हिमाचल प्रदेश में बनाए जाने वाले नए राष्ट्रीय और राज्य हाईवे में प्रदूषण नियंत्रण नियमों का एक समान रूप से सख्ती से पालन करना होगा।
एनएच-707 के निर्माण के दौरान हुए प्रदूषण नियमों के उल्लंघन के बाद अब सख्ती होने वाली है। हिमाचल प्रदेश में बनाए जाने वाले नए राष्ट्रीय और राज्य हाईवे में प्रदूषण नियंत्रण नियमों का एक समान रूप से सख्ती से पालन करना होगा। किसी भी सड़क के मरम्मत कार्य के लिए भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंजूरी लेनी होगी। यह नियम पहले से चल रहे निर्माण और मरम्मत कार्यों के लिए भी मान्य होंगे।
अगर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण या लोक निर्माण विभाग प्रदूषण नियमों को नहीं मानता है तो चल रहे निर्माण कार्यों पर रोक लग सकती है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने भी एनएच-707 निर्माण कार्य के दौरान हुई अनिमितओं पर संज्ञान लिया है। शिमला-चंडिगढ़ फोर लेन के निर्माण दौरान भी प्रदूषण के नियमों की अनदेखी की शिकायतें आ रही हैं। आगामी 24 जुलाई को एनजीटी में इसकी सुनवाई है।विज्ञापन
सख्ती से करना होगा प्रदूषण नियमों का पालन
प्रदेश में हर सड़क निर्माण और मरम्मत के लिए प्रदूषण नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। एनजीटी बार-बार निमयों के सख्ती से पालन के लिए कहता है। प्रदेश में एनएच निर्माण के दौरान धूल पर पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए ताकि निर्माण स्थलों से धूल किसानों के खेतों में न फैले। मरम्मत के दौरान पहाड़ों को काटा जा रहा है और मलबा ठेकेदार नहीं भी फेंक रहे हैं। ऐसी कोई भी शिकायत मिलने पर हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त कार्रवाई करेगा। -अनिल जोशी, सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड