# मुल्थान में पानी के साथ मलबा बाजार तक पहुंचा, बरसात में फिर मचा सकता है तबाही…

Debris with water reached the market in Multhan can create havoc again in rainy season

मंडी और कांगड़ा जिले की सीमा पर मुल्थान में केयू हाइड्रो विद्युत परियोजना की टनल से निकला मलबा पहाड़ी पर ही डंप होने से तबाही मची। प्रशासन और कंपनी प्रबंधन ने अभी भी इसे लेकर सुध नहीं ली तो आगामी बरसात के दौरान दोबारा नुकसान कर सकता है।

मंडी और कांगड़ा जिले की सीमा पर मुल्थान में केयू हाइड्रो विद्युत परियोजना की टनल से निकला मलबा पहाड़ी पर ही डंप होने से तबाही मची। अभी भी पहाड़ी पर मलबे के अलावा पुरानी मशीनरी के भाग पड़े हुए हैं। पेन स्टॉक के आसपास पड़ा काफी मलबा पानी के साथ नीचे आ गया।

अभी भी मलबा पड़ा हुआ है। यदि बारिश होती है तो खतरा ज्यादा हो सकता है। करीब दो साल पहले टनल निर्माण के समय सिल्ट, मक, बोरियों में भर कर पेन स्टॉक के बाहर इक्ठ्ठा कर दिया गया। सैकड़ों टन मलबा दो दिन पहले शुक्रवार सुबह पानी के साथ मुल्थान बाजार तक पहुंच गया। बाद में शुक्रवार रात को पत्थर, पेड़ समेत और मलबा बाजार में कहर मचाता हुआ पहुंचा। प्रशासन और कंपनी प्रबंधन ने अभी भी इसे लेकर सुध नहीं ली तो आगामी बरसात के दौरान दोबारा नुकसान कर सकता है

बता दें कि मंडी कांगड़ा सीमा पर मुल्थान में 25 मेगावाट हाइड्रो विद्युत परियोजना में इसी साल 24 फरवरी को विद्युत उत्पादन शुरू हुआ था। महज ढाई माह में ही टनल में हादसा हो गया। इससे परियोजना के निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठना शुरू हो चुका है।

विद्युत उत्पादन की बात करें तो यहां पर 25 मेगावाट उत्पादन शुरू हुआ था। 2003 में परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 2010 में निर्माण कार्य में तेजी लाने के बाद फरवरी माह में कमीशनिंग पूरी हुई थी। एक साल पहले भी टनल से रिसाव को लेकर ग्रामीणों ने शिकायत कंपनी प्रबंधन को की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और आश्वासन ही मिले और नतीजा सबके सामने है। बहरहाल लंबाडग विद्युत प्रोजेक्ट में विद्युत उत्पादन रोक दिया गया है।

उधर, प्रोजेक्ट मैनेजर देवी चंद चौहान ने बताया कि टनल से निकले मलबे को डंप करने के लिए यही साइट निर्धारित थी। ऐसे में यहां मलबा डंप किया गया है। कंपनी प्रबंधन मौके पर जुटा हुआ है। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए काम चल रहा है।

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