सरकारी स्कूलों में अब लोग मंदिरों की तर्ज पर जन्मदिन, सालगिरह और अन्य खुशियां साझा कर सकेंगे। आम लोग भी सरकारी स्कूलों में दोपहर भोजन के समय धाम दे सकेंगे।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब लोग मंदिरों की तर्ज पर जन्मदिन, सालगिरह और अन्य खुशियां साझा कर सकेंगे। आम लोग भी सरकारी स्कूलों में दोपहर भोजन के समय धाम दे सकेंगे। इसके लिए उन्हें एक सप्ताह पहले स्कूल प्रबंधन समिति के समक्ष आवेदन करना होगा। इसके बाद समिति की मंजूरी मिलते ही वह स्कूल में विद्यार्थियों के लिए धाम बना सकेंगे। इसके लिए शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रीति भोज कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों को पत्र भेज दिए हैं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दोपहर के भोजन योजना (मिड-डे मील) में आम जनभागीदारी को बढ़ाना है।
गांव के लोगों समेत कई सामाजिक संस्थाएं जन्मदिन, शादी समारोह और अन्य कार्यक्रमों की खुशी स्कूल के बच्चों के साथ साझा करना चाहते हैं। इससे पहले उन्हें इसकी मनाही थी। नए नियमों के अनुसार अब बच्चों को धाम भी परोसी जा सकेगी। इसमें शर्त यह रहेगी कि भोजन स्कूल की रसोई में ही तैयार होगा। लोग नकद धनराशि देकर भी भोजन तैयार करवा सकते हैं। धनराशि एमडीएम या विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में जमा करनी होगी। अगर एक ही तिथि में कई लोग भोजन करवाना चाहते हैं तो प्रधान, प्रबंधन समिति और स्कूल के प्रधानाचार्य को यह अधिकार होगा कि वह किसे इस तिथि में शामिल करना चाहते हैं।
एमडीएम सोलन के नोडल अधिकारी राज कुमार पराशर ने बताया कि निदेशालय की ओर से स्कूलों में दोपहर के भोजन योजना में तिथि भोजन योजना शुरू करने को लेकर अधिसूचना मिली है। जिले के सभी स्कूलों को भी इस संबंध में जानकारी प्रदान कर दी गई है
जंक फूड पर रहेगी रोक
प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के प्रदेश नोडल ऑफिसर नरेश कुमार ने बताया कि भोजन योजना में पिज्जा, बर्गर, पेटीज, मोमोज आदि नहीं परोसा जा सकेगा। मेवा और मौसमी फल या फिर अन्य पौष्टिक आहार दिया जा सकता है। भोजन के बारे में प्रचार और प्रसार भी नहीं कर सकेंगे। यह भोजन स्कूल में कब देना है। इसका निर्णय स्कूल स्तर पर एसएमसी, प्रधानाचार्य समेत एमडीएम समिति तय करेगी।