
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पंडोह डैम के पास लगभग 40 करोड़ की लागत से डंगा लगाकर करीब आठ महीने बाद बहाल हुए चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर एक बार फिर से खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। डंगा लगाकर तैयार किया गया नेशनल हाईवे एक बार फिर से धंसने की कगार पर आ गया है। हाईवे पर दरारें पड़ना शुरू हो गई हैं, जोकि धीरे-धीरे बढ़ती जा रही हैं। हालांकि अभी यातायात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। जहां-जहां दरारें आई हैं, वहां-वहां स्थानीय लोगों ने पत्थर रखकर खतरे के संकेत चिहिन्त कर दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि पंडोह डैम के पास बीती बरसात में यह हाईवे पूरी तरह से जमींदोज हो गया था। जिसे बहाल में करने में करीब आठ महीनों का लंबा समय लग गया था। इस दौरान ट्रैफिक पंडोह डैम के पास से एक अन्य वैकल्पिक मार्ग से गुजारा गया। यदि यहां पर यह सड़क क्षतिग्रस्त होती है तो दोबारा से इसी सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ सकता है। बरसात की पहली बारिश में ही इतने बड़े डंगे के धंसने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। निर्माण कार्य और डंगे की गुणवता पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।
कैंची मोड़ के पास भूस्खलन
एनएच पर कैंची मोड़ के पास भूस्खलन हो गया। इसकी जद में एक ट्रक आ गया है। यह ट्रक खराब होने के चलते यहां खड़ा किया गया था। मलबे की चपेट में आने से ट्रक को नुकसान पहुंचा है।
4 मील के पास धंस गया डंगा
मंडी से पंडोह के बीच 4 मील के पास जिस डंगे के धंसने का मामला दो दिन पहले प्रमुखता से उठाया गया था वो बीती रात को हुई बारिश के कारण धंस गया है। डंगा धंसने के कारण हाईवे के बंद होने का खतरा भी मंडराने लगा है। हालांकि, अभी यहां पर एकतरफा यातायात बहाल है लेकिन सड़क पर बड़ी बड़ी दरारें आ गई हैं जिस कारण हाईवे के और ज्यादा क्षतिग्रस्त होने की सम्भावना बन गई है। यदि हाईवे यहां बंद होता है तो एक बार फिर कुल्लू मनाली आने जाने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में वैकल्पिक मार्गों के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं रह जाएगा। लेकिन पंडोह और इसके साथ लगते इलाकों के लोगों को मंडी तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। यहां के बहुत से लोग रोजमर्रा के कार्यों के लिए मंडी आते-जाते हैं। स्कूल और कॉलेज के बच्चे बड़ी संख्या में रोज इस हाईवे पर सफर करते हैं।