हिमाचल प्रदेश में तैनात भारतीय सेना के जवान संजीव कुमार भंडारी का चंडीगढ़ के एक अस्पताल में निधन हो गया। संजीव की मौत की खबर से सुपौल जिले के मरौना प्रखंड स्थित उनके गांव गम्हरिया में मातम छा गया है। 26 वर्षीय संजीव की ड्यूटी के दौरान पहाड़ से फिसलकर खाई में गिरने से जान चली गई। रविवार को यह खबर उनके परिजनों को मिली, जिसके बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
पहाड़ी से फिसलने से खाई में गिरे
जानकारी के मुताबिक, संजीव भंडारी हिमाचल प्रदेश के समदू पहाड़ के सीमावर्ती इलाके में तैनात थे। ड्यूटी के दौरान उनका पैर फिसलने से वे गहरी खाई में गिर गए। सेना ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और उन्हें चंडीगढ़ के अस्पताल ले जाया गया। हालांकि डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
परिजनों में शोक, एक साल का बेटे हुआ अनाथ
संजीव के शहीद होने की खबर से उनके पिता विजय भंडारी और परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल है। विजय भंडारी होमगार्ड में जवान हैं और बेटे की मौत से पूरी तरह टूट चुके हैं। शहीद जवान की पत्नी और एक साल का बेटा शिवांशु भी गहरे सदमे में हैं।
सोमवार को गांव पहुंचेगा पार्थिव शरीर
परिजनों के मुताबिक, सोमवार दोपहर तक संजीव का पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा। अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं और पूरे गांव के लोग अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई देने के लिए जुटने लगे हैं। गांव के लोगों ने संजीव की शहादत पर गर्व जताते हुए कहा कि उनकी कुर्बानी देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का अद्वितीय उदाहरण है। ग्रामीणों और परिजनों ने सरकार से मांग की है कि शहीद के परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी जैसी सुविधाएं दी जाएं।
गांव में शोक और गर्व का माहौल
संज्ञीव की मौत ने गांव को गमगीन कर दिया है, लेकिन उनके बलिदान ने सभी के दिलों में गर्व का भी संचार किया है। लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए जुट रहे हैं।
ग्रामीण बोले कि संजय ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। यह बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। सरकार को उनके परिवार की देखभाल करनी चाहिए ताकि उनका बलिदान व्यर्थ न जाए। सुपौल के इस वीर सपूत की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे, जो देश के लिए दिए गए उनके बलिदान को नमन करेंगे।