लोगों को ठगने का एक और नया तरीका निकाला है। ये अपराधी ज्यादातर व्हाट्सएप पर कॉल कर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं।
साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का एक और नया तरीका निकाला है। ये अपराधी ज्यादातर व्हाट्सएप पर कॉल कर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं। ये शातिर पुलिस अधिकारी की वर्दी पहनकर खुद को एसएचओ और डीएसपी बताते हैं। ये परिजनों को कहते हैं कि उनका बेटा, पति या अन्य कोई करीबी रिश्तेदार उनके कब्जे में है। उसे दुष्कर्म, मारपीट, हत्या आदि के मामले में पकड़ा गया है। अगर वे छुड़ाना चाहते हैं तो इसके बदले में उन्हें रुपये देने होंगे।
अपराधियों की मांग दस हजार से लेकर लाख, डेढ़ लाख रुपये तक की जा रही है। पुलिस मुख्यालय में ऑनलाइन शिकायतें आ रही हैं। शातिर इतने चालाक हैं कि वे ज्यादातर फोन उन परिजनों को करते हैं जिनके बेटे और रिश्तेदार हिमाचल से बाहर नौकरी या फिर पढ़ाई कर रहे हैं। हिमाचल के लोग को भी इस बाबत फोन आ रहे हैं। ऐसे में परिजन रिश्तेदारों और बेटों से बात करते हैं। उन्हें भी परिजनों की ओर से डांट पड़ रही है। साइबर थानों में आ रही शिकायतों के बाद पुलिस परिजनों को समझा और सचेत कर रही है।
-अगर कोई पुलिस अधिकारी बन कॉल करे तो हड़बड़ी में कदम न उठाएं।
– पहले पूछे लें कि किस थाने से कॉल कर रहे हैं। उनका नाम क्या है?
– अगर लड़का और रिश्तेदार उनकी हिरासत में है तो कहें कि लड़के से बात करवाएं।